सरदार वल्लभ भाई पटेल(सरदार वल्लभ भाई पटेल Statue of Unity की 10 रोचक बातें जो आपको जननी चाहिए) गुजराती परिवार में जन्मे भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। जब भारत की आजादी मिली तो उसके बाद वे प्रथम गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने। जब सरदार वल्लभ भाई पटेल बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे थे ,उन्हें बारडोली सत्याग्रह की सफलता मिली ।सरदार वल्लभ भाई पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहाँ की महिलाओं ने सरदार की उपाधि प्रदान की। भाई पटेल आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरूष भी कहा जाता है।
Statue of Unity
सरदार वल्लभ भाई पटेल Statue of Unity की 10 रोचक बातें जो आपको जननी चाहिए

सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म नडियाद, गुजरात में एक लेउवा/लेवा(पाटीदार) कृषक परिवार में हुआ था। वह झवेरभाई पटेल एवं लाडबा देवी की चौथी संतान थे। उनके सोमाभाई, नरसीभाई और विट्टलभाई बड़े भाई थे। सरदार वल्लभ भाई पटेल की शिक्षा मुख्यतः स्वाध्याय से ही हुई। वह लन्दन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे। वे महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होने भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लिया।स्वतन्त्रता आन्दोलन में सरदार पटेल का सबसे पहला और बड़ा योगदान खेडा संघर्ष में हुआ।

सरदार वल्लभ भाई पटेल( Vallabhbhai Patel) की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' (Statue of Unity) को  31 अक्टूबर को 143 वीं जयंती के सुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  भव्य समारोह के साथ पब्लिकाल्ली  किया। Statue of Unity भारत के लिए एकता और अखंडता का प्रतीक बन गया ।
आज के पोस्ट में Statue of Unity की 10 रोचक बातें को जानेंगे ।

 सरदार वल्लभ भाई पटेल Statue of Unity की 10 रोचक बातें जो आपको जननी चाहिए


1.इस मूर्ति की लंबाई 182 मीटर है।  यह मूर्ति  इतनी बड़ी है की हमलोग  इसे 7 किलोमीटर की दूरी से भी देखा सकते है।   'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' ऊंचाई में अमेरिका के न्यूयॉर्क में  स्थित 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' (93 मीटर) से दोगुना है और तो और यह   चीन के स्प्रिंगफील्ड बुद्धा की 153 मीटर ऊंची मूर्ति को  पीछे छोड़ते हुए Statue of Unity दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति बन गई।


2.इस मूर्ति की कुल वजन 1700 टन है। ऊंचाई की बात करे तो यह  522 फिट यानी 182 मीटर है। यह मूर्ति
statue of unity 2018
अपने आप में रोचक  है।  इस प्रतिमा के पैर की ऊंचाई 80 फिट, हाथ की ऊंचाई 70 फिट, कंधे की ऊंचाई 140 फिट और चेहरे की ऊंचाई 70 फिट है।

3.यह प्रतिमा 180 किमी प्रति घंटा की चाल  से चलने वाली हवा से इस मूर्ति का कोई नुकसान नही होगा ।यह 6.5 तीव्रता के भूकंप को भी सह सकता है।यह प्रतिमा के निर्माण में भारतीय मजदूरों के साथ 200 चीन के कर्मचारियों का बहुत बड़ा योगदान है। चीन के कर्मचारियों ने सितंबर 2017 से ही दो से तीन महीनों तक अलग-अलग बैचों में काम किया।

4.यह प्रतिमा का निर्माण 92 वर्षीय राम वी. सुतार की देखरेख में हुआ है। राम वी. सुतार  ने देश-विदेश में भी अपनी शिल्प कला का योगदान दिया है। शिल्प कला के ज्ञाता राम वी. सुतार को साल 2016 में सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था। इससे पहले वे वर्ष 1999 में उन्हें पद्मश्री भी प्रदान किया जा चुका है।

5.इस  प्रतिमा में दो लिफ्ट भी लगी है। दोनों लिफ्ट  के माध्यम से हमलोग  सरदार पटेल की छाती तक  पहुंचेंगे ।सरदार पटेल की छाती से आप सरदार सरोवर बांध का नजारा देख सकेंगे ।

6.प्रतिमा में 70 हजार टन सीमेंट और लगभग 24,000 टन स्टील तथा 1,700 टन तांबा और इतना ही कांसा लगा है। प्रतिमा के आधार पर एक म्यूजियम बनाया गया है जिसे देखने के लिए 350 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।

7.यह 250 इंजीनियर, 3,400 मजदूरों की मदद से चार साल में निर्माण कराया गया है ।लर्सन एंड टर्बो और गुजरात राज्य सरकार के सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड ने इंजीनियर और मजदूरों को मैनेज किया है ।

8.सरदार वल्लभ भाई पटेल की मुख्य प्रतिमा बनाने में1,347 करोड़ रुपये खर्च किए गए।जिसे राज्य सरकार और केंद्र सरकर ने दिया है ।

9.सरदार वल्लभ भाई पटेल की मुख्य प्रतिमा बनाने में1,347 करोड़ रुपये खर्च किए गए।जिसे राज्य सरकार और केंद्र सरकर ने दिया है ।इस  प्रतिमा को 15 साल तक ढांचे के रखरखाव के लिए 657 करोड़  खर्च किए किए जाएंगे।

10.इस मूर्ति में 4 धातुओं का उपयोग किया गया है जिसमें बरसों तक जंग नहीं लगेगी। स्टैच्यू में 85 फीसदी तांबा का इस्तेमाल किया गया है।यह अखंडता का प्रतीक है।

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